दक्षिणपुरी डायरी
Monday, 7 November 2011
बचपन की कल्पनाओं का शहर
कल्पनाएँ हवाओं मे झूलती हैं, तैरती है, दुनिया के समंदर मे गोते लगाती है, सच और झूठ के बीच मे झूमती हैं।
कल्पनाएँ जो उम्र के बंधनों से होती हैं।
ये शहर किसने बनाया है से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इन मासूम कल्पनाओं में ये शहर कहां से आया है?
यशोदा
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