दक्षिणपुरी डायरी
Thursday, 11 August 2011
जगह के किनारे से
सड़क के किनारे से दिखती जगह अपने भीतर कई विभिन्न असीमताएँ बसायें रखती हैं। अपनी ओर इशारा करके बुलाती हैं, रिझाती हैं, उकसाती हैं। वैसे ही ये सड़क का किनारा अपने अन्दर एक और जगह लिये जीता है।
राकेश
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